किसी को इंसान को अगर खुद पर भरोसा हो तो फिर उस इंसान को देर से ही सही लेकिन सफ़लता मिलती जरूर है। बस इस सफ़लता को पाने के लिए खुद पर भरोसा होने के साथ ही मेहनत के कठिन रास्ते पर भी बिना हार माने बिना रुके बिना थके चलना होता है। जिस बन्दे या बंदी ने ये कर लिया फिर देर से ही सही लेकिन उसे सफलता मिलती जरूर है, हाँ शुरू शुरू में असफलताएं मिलती जरूर है लेकिन कभी मंज़िल की राह में दीवार नहीं बन पातीं है। इसी विश्वास को और भी पुख्ता कर दिया है इस लड़के ने जिसके भरोसे और बुलंद हौसले की मिसाल अब पूरा यूपी देता है, जिसके अडिग विश्वास और जीतोड़ मेहनत ने आखिकार उसके कदमों को चूमने के लिए सफ़लता को मजबूर कर ही दिया।
यहां बात हो रही है उत्तर प्रदेश के श्याम यादव, कि जिन्होंने अब तक अपने जीवन में अनगिनत बार ठोकरे खाई लेकिन सलाम हो इस बन्दे के हौसले और जज्बे को जो बार-बार ठोकर खाने के बावजूद अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा और आखिर सफ़लता को अपने कदमों में झुकने को मजबूर कर ही दिया। हालांकि ये बात भी सच है कि श्याम यादव का ये सफर इतना भी आसान नहीं रहा है, मालूम हो कि श्याम यादव ने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS) में अपनी किस्मत को करीब पांच बार आजमाया लेकिन बदकिस्मती ये रहीं की हर बार उन्हें नाकामी भी हाथ लगी। इतना ही नहीं संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS) में पांच बार असफलता का मुँह देखने वाले श्याम यादव भारतीय वायुसेना में भी तीन बार असफलता का मुँह देख चुके हैं लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर सफलता को खुद से इतना दूर देखकर भी श्याम ने हार मानने से इनकार कर दिया।
इतना तो अच्छे – अच्छे बन्दे को भी हताश करने के लिए काफी है लेकिन अपने श्याम बाबु ने खुद को मिल रहीं लगातार विफलताओं से सीख देते हुए खुद को और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। फिर क्या पूरे देश में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल कर आखिरकार 2024 की UPSC CAPF परीक्षा में इतिहास रच दिया। अब श्याम असिस्टेंट कमांडेंट बनने जा रहे हैं। मालूम हो कि असिस्टेंट कमांडेंट का पद एक ऐसा पद है जो न केवल गौरवपूर्ण है बल्कि देश की सेवा करने का अवसर भी देता है। मालूम हो कि श्याम यादव ने लेखपाल की ट्रेनिंग के दौरान की UPSC तैयारी करते हुए UPSC CAPF 2024 की परीक्षा में रैंक 2 को प्राप्त किया है। मालूम हो कि श्याम यादव उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मूल निवासी हैं।
वर्तमान समय में श्याम यादव उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग में लेखपाल के रूप में प्रशिक्षण ले रहे हैं लेकिन इस दौरान श्याम ने UPSC की तैयारी करते हुए अपनी सफलता की एक और इबारत लिख दी है। श्याम यादव की ये सफ़लता यह दिखाती है कि अनगिनत हार और सीमित समय व संसाधनों के बीच भी यदि किसी इंसान के मन में उसका लक्ष्य स्पष्ट हो तो भले ही देर से लेकिन सफलता मिलनी तय है। मालूम हो कि अपनी सफलता का श्रेय ‘इनविज़िबल हेल्पिंग हैंड’ नामक पहल को श्याम देते हैं मालूम हो कि बकौल श्याम साल 2023 की कार्यशालाओं में उन्होंने भाग लिया था जिसमें वहां के इंटरव्यू पैनल ने श्याम की सोच को एक नया दृष्टिकोण दिया।
हालांकि ये अलग बात है कि साल 2024 के मॉक टेस्ट में अपने काम की व्यस्तता के कारण श्याम यादव अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सके। लेकिन साल 2023 की प्रतिक्रिया श्याम के लिए काफी उपयोगी साबित हुई मालूम हो कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लाभार्थी श्याम यादव भी हैं, गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत कम आय वर्ग के विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग उपलब्ध करवाई जाती है। मालूम हो कि इस योजना से जुड़े करीब 14 विद्यार्थियों ने इस वर्ष UPSC CAPF परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराया है।